राजस्थान की भाजपा सरकार के डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा के 17 वर्षीय पुत्र आशु के एक खुली जीप को चलाने और इस जीप के पीछे पुलिस की एस्कार्ट जीप चलने का वीडियो लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में नाबालिग पुत्र के दोस्त भी जीप में बैठे हैं। इस वीडियो से साफ जाहिर है कि डिप्टी सीएम का पुत्र दोस्तों के साथ मौज मस्ती कर रहा है। कायदे से डिप्टी सीएम बैरवा को इस वीडियो पर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए थी और भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसका वायदा प्रदेश की जनता से करना चाहिए था। लेकिन इसके उलट डॉ. बैरवा ने चोरी और सीनाजोरी की कहावत को चरितार्थ करते हुए कहा कि यदि मेरे बेटे ने किसी धनाढ्य व्यक्ति की जीप कार चला ली तो इस में हंगामा करने की क्या बात है? बच्चे तो ऐसा करते ही है। बैरवा का कहना रहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझ जैसे व्यक्ति को डिप्टी सीएम बना दिया है, इसलिए आज मेरे बेटे को धनाढ्य व्यक्ति कारों में घूमा रहे है। समझ में नहीं आता कि डॉ. बैरवा ने ऐसा बयान किस नजरिए से दिया है। बेटे की मौज मस्ती के कृत्य में पीएम मोदी को घसीटना तो बिलकुल भी उचित नहीं है। पीएम मोदी ने डॉ. बैरवा को इसलिए डिप्टी सीएम बनाया ताकि अनुसूचित जाति वर्ग के बच्चों को उचित सम्मान मिल सके। लेकिन डिप्टी सीएम बैरवा तो अपने बेटे के धनाढ्य परिवारों के साथ घूमने से खुश हो रहे है। डॉ. बैरवा माने या नहीं, बेटे का यह कृत्य सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग है। सवाल उठता है कि जब नाबालिग बेटा गैरकानूनी तरीके से वाहन चला रहा था, तब सरकारी वाहन पीछे क्यों चल रहा था? सड़क सुरक्षा नियमों की पालना हो, इसकी जिम्मेदार भी परिवहन मंत्री होने के नाते डॉ. बैरवा की है। लेकिन डॉ. बैरवा तो खुद ही अपने बेटे के माध्यम से सड़क सुरक्षा नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है। मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार नाबालिग के कार जीप चलाने पर तीन वर्ष की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। इस एक्ट की परवाह किए बगैर डॉ. बैरवा सत्ता के नशे में अपने बेटे का बचाव कर रहे है। यदि बेटे को बचाने का प्रयास इसी तरह होता रहा तो एक दिन बैरवा का बेटा अनियंत्रित हो जाएगा। बैरवा को इस बात से खुश नहीं होना चाहिए कि डिप्टी सीएम बनने के बाद उनके बेटे को धनाढय़ परिवारों के लोग महंगी कारों में घूमा रहे है। अच्छा होता कि डॉ. बैरवा अपने बेटे को सड़क सुरक्षा के बारे में समझाते और डिप्टी सीएम के पद की मर्यादा का ख्याल रखने की सीख देते।
3/related/default