10 कलाकारों को मिला राज्य कला पुरस्कार, राजस्थान की कला परंपरा को किया गया सम्मानित

AYUSH ANTIMA
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जयपुर: राजस्थान ललित कला अकादमी की 65वीं वार्षिक कला प्रदर्शनी के अंतर्गत आयोजित पुरस्कार वितरण एवं सम्मान समारोह में प्रदेश के 10 प्रतिभाशाली कलाकारों को उनकी उत्कृष्ट कलाकृतियों के लिए सम्मानित किया गया। इन कलाकारों को नकद पुरस्कार, स्मृति चिन्ह और माला पहनाकर सम्मानित किया गया। प्रत्येक विजेता को ₹25,000 का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया।
अकादमी प्रशासक रश्मि गुप्ता और विशिष्ट अतिथि अरुण कुमार (क्षेत्रीय प्रभारी, संस्कार भारती) ने कलाकारों की रचनात्मकता की प्रशंसा करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया।
पुरस्कृत कलाकारों में हितेन्द्र सिंह भाटी (उदयपुर) की "फादर एंड सन-2," विपुल शर्मा (जयपुर), डॉ.राजेन्द्र प्रसाद (जयपुर) की "मिस्ट्री मेमोरीज XVI," दीपाली शर्मा (जयपुर) की "द पजल ऑफ लाइफ," पवन कुमार कुमावत (किशनगढ़) की "धरोहर-1," पूजा प्रजापत (जयपुर) की "चाइल्डहुड," काव्यांश बोहरा (उदयपुर) की "सरहद पार," डॉ.मनीषा सांचीहर (नाथद्वारा) की "सी-स्केप," संदीप पालीवाल (उदयपुर) की "अनटाइटल्ड-1," और चंदन कुमार (जयपुर) की "प्रतिबिंब" शामिल हैं। इस वर्ष की वार्षिक प्रदर्शनी में 85 कलाकारों की 96 उत्कृष्ट कलाकृतियों का चयन किया गया, जिन्हें राजस्थान ललित कला अकादमी, जयपुर में प्रदर्शित किया गया है। यह प्रदर्शनी 17 जनवरी 2025 तक प्रातः 11 बजे से सायं 6 बजे तक कला प्रेमियों के लिए खुली रहेगी। कला प्रेमियों के लिए यह प्रदर्शनी न केवल एक सुनहरा अवसर है, बल्कि राजस्थान की समृद्ध कला परंपरा और आधुनिक रचनात्मकता को समझने का एक विशेष मंच भी है।

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