जयपुर: छोटी काशी के कई मंदिरों में राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिसव धूमधाम से मनाया गया। ठाकुर जी को तिरंगा पोशाक धारण कराई गई। मंदिर परिसर में जगह-जगह तिरंगा ध्वज लगाए गए। श्रद्धालुओं को तिरंगा झंडियां वितरित की गई। मुख्य आयोजन आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में राष्ट्रोत्सव के रूप में आयोजित किया गया। सुबह नौ से ग्यारह बजे तक यहां देवभक्ति के साथ देशभक्ति के कार्यक्रम हुए। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देवजी के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। गायत्री कचोलिया ने अगर हम नहीं देश के काम आए धरा क्या कहेगी, गगन क्या कहेगा जैसे देशभक्ति गीत सुनाकर माहौल में जोश भर दिया। डॉ.अजय भारद्वाज ने कहा कि आज देश के लिए करने की नहीं जीने की आवश्यक्ता है। अगर मरना भी पड़े तो पीछे नहीं हटेंगे। इस मौके पर लोगों ने संकल्प लिया कि मर्यादाओं को पालेंगे, वर्जनाओं से बचेंगे, नागरिक कर्तव्यों का पालन करेंगे और समाजनिष्ठ बने रहेंगे। राष्ट्रीय एकता एवं समता के प्रति निष्ठावान रहेंगे। जाति, लिंग, भाषा, प्रांत, सम्प्रदाय आदि के कारण परस्पर कोई भेदभाव न बरतेंगे। इस मौके पर आयोजित नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ में देश की आजादी के आंदोलन में शहीद होने वाले क्रांतिकारियों और शहीदों का पुण्य स्मरण करते हुए विशेष आहुतियां अर्पित की गई। राष्ट्रोत्सव का शुभारंभ देशभक्ति गीतों और गुरु वंदना के साथ हुआ। इसके बाद वेदमाता-देवमाता-विश्व माता गायत्री, गोविंद देवजी और गुरू संतो का पूजन किया गया। यज्ञशाला की सजावट राष्ट्रीय ध्वज के तीन रंगों की थीम पर की गई। त्याग के रंग केसरिया, खुशहाली के प्रतीक हरा और शांति का संदेश देने वाले सफेद रंग से देव मंच की सज्जा की गई। यज्ञशाला के अंदर और बाहर तिरंगी झंडियां लगाई गई। श्रद्धालुओं को यज्ञ के बाद तिरंगा झंडा भी दिया गया। यज्ञ मे बैठने वाले श्रद्धालुओं का प्रयागराज के कुंभ जल से अभिसिंचन किया गया।
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