एक मारवाड़ी कहावत है कि अंधी मां क्यूं पुत को मुंडों देखगी, यह बात झुन्झुनू विधानसभा खासकर पिलानी विधानसभा क्षेत्र के आवाम पर फिट बैठती है, जो पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। विदित हो डबल इंजन सरकार ने लोकसभा चुनावों से पहले हरियाणा सरकार से यमुना जल को लेकर समझौता किया था, उसको जिले के नेताओं ने बहुत महिमा मंडित किया था और मिडिया में यहां तक कहा था कि इसको लेकर डीपीआर का काम प्रगति पर है क्योंकि समझौते में भी यह वर्णित था कि आगामी चार महीनों में डीपीआर बनकर तैयार हो जायेगी लेकिन सात महीने बाद मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का बयान देखने को मिला कि आगामी चार महीनों में इसको लेकर डीपीआर बनाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। गिरगिट की तरह रंग बदलती इस राजनिति में कल मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का बयान देखने को मिला कि यमुना जल समझौते को लेकर हरियाणा मुख्यमंत्री व केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री की मौजूदगी में इस बात पर सहमति बनी की आगामी महीनों में डीपीआर बनाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री के इस बयान को जिले के नेता सोशल मिडिया पर डालकर इतीश्री करते नजर आ रहे हैं और पीठ थपथपा रहे हैं कि यमुना जल का पानी शीघ्र ही शेखावाटी को मिलेगा। इसको लेकर इस बात पर ध्यान देना होगा कि हरियाणा ने कहा है कि अतिरिक्त जल ही राजस्थान को दिया जायेगा। अब अतिरिक्त जल का क्या मापदंड है, यह समझ से परे है। हरियाणा की राजनीति में पानी का मुद्दा अहम होता है, सिंचाई के पानी को लेकर सरकारें बदल जाती है। अब यह तो इन्द्र भगवान पर ही निर्भर होगा कि बरसात अच्छी हो और जो अतिरिक्त जल हरियाणा अपनी आपूर्ति करने के बाद बचेगा, वह राजस्थान को मिलेगा। अब सवाल खड़े होते हैं कि डबल इंजन सरकार के जिले के उन विधायकों व विधायक प्रत्याशियों पर क्या उनकी नैतिक जिम्मेदारी यही है कि केवल मुख्यमंत्री के बयान को ही सोशल मिडिया पर डालकर आवाम को पानी की मृग मरीचिका दिखा रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर लाल चौक पर विधानसभा क्षेत्र के लोग पिछले एक साल से धरने पर बैठे हैं लेकिन आज तक किसी नेता या विधायक ने उनसे मिलने की जरूरत महसूस नहीं की क्योंकि जिले के नेताओं को जयपुर दरबार में हाजिरी लगाने में ही फुर्सत नहीं है। सरकार ने कार्मिक अधिकारियों पर स्थानांतरण को लेकर बैन हटा दिया व संगठन के चुनाव भी होने हैं, इसको लेकर जिले के नेता जयपुर दरबार में अपने अपने हिसाब से लाबिंग में लगे हुए हैं। भाजपा ने झुंझनू विधानसभा चुनावों में पानी के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया था। इन चुनावों में भाजपा ने कांग्रेस के अजेय दुर्ग को ध्वस्त किया था लेकिन सत्ता मिलने के बाद विधायक सुग्रीव की तरह राज मिलने पर भगवान श्रीराम का कार्य भूलकर राजपाट की मस्ती में खो गये थे, ठीक उसी प्रकार विधायक महोदय अभिनंदन समारोहों में व्यस्त हैं। आयुष अंतिमा (हिन्दी समाचार पत्र) ने इस मानवीय मुद्दे को लेकर जनता की अदालत में रखने का भरपूर प्रयास किया है कि क्या इस मुद्दे पर हर राजनीतिक दल आपको ऐसे ही ठगता रहेगा ?
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