जैविक वन औषधीय पादप केंद्र में लिया गौ आधारित खेती का प्रशिक्षण

AYUSH ANTIMA
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जयपुर: टोंक रोड सांगानेर में श्री पिंजरापोल गौशाला स्थित जैविक वन औषधीय पादप केंद्र में अलवर जिले के करीब चालीस किसानों और पशुपालकों के दल ने गौ आधारित खेती, गोबर और गोमूत्र से बनने वाली औषधियों, जड़ी-बूटियों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। ये दल पशुपालन विभाग की आत्मा योजना के अंतर्गत पांच दिवसीय पशुपालक भ्रमण पर आया था। अखिल भारतीय गौशाला सहयोग परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयोजक एवं ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ.अतुल गुप्ता ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्राकृतिक कृषि के राष्ट्रीय मिशन में सभी किसानों को उत्साह के साथ भाग लेना चाहिए क्योंकि अब आर्गेनिक खेती का ही युग आने वाला है। रासायनिक खेती बीते जमाने की बात हो गई। उन्नत किस्म की फसलों का उत्पादन करना एक तरह की देश सेवा है। उपस्थित किसानों और पशुपालकों ने खेती को केमिकल, यूरिया और पेस्टिसाइड से मुक्त कर गौ आधारित प्राकृतिक खेती करने का संकल्प लिया। किसानों ने गाय के गोबर से बनने वाले विभिन्न उत्पादों, प्राकृतिक कृषि से असाध्य रोगों के उपचार और औषधीय पादपों के बारे में जानकारी हासिल की। इस अवसर पर हैनिमन चेरीटेबल मिशन सोसाइटी की सचिव मोनिका गुप्ता ने किसानों का स्वागत करते हुए स्वयं सहायता समूहों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एफपीओ तथा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से प्राकृतिक खेती को राष्ट्रीय मिशन के रूप में कर सकते हैं।

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