राजगढ़/अलवर (बीरु कुमार): करीब एक महीने पहले राजगढ़ थाना पुलिस की पिटाई से बीलेटा गांव में पीहर आई महिला का गर्भपात होने पर मंगलवार को मेव समाज के लोगों ने मिनी सचिवालय के बाहर पहुंचकर विरोध जताया। आगामी 15 दिनों में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की तो आंदोलन करने की चेतावनी दी है। एडवोकेट सब्बीर खान ने बताया कि बीलेटा गांव में करीब एक महीने पहले पुलिस ने तानाशाही की। दो परिवारों के आपसी झगड़े में पुलिस ने मनमर्जी की है। बीलेटा गांव में पीहर आई हुई एक महिला को इतना पीटा कि उसका गर्भपात हो गया, उस समय पुलिस की मारपीट का वीडियो भी सामने
आया था। यह सब देखने के बाद लगता है कि संविधान स्वतंत्रतापूर्वक जीने का अधिकार देता है लेकिन पुलिस गुंडागर्दी पर उतर आई है। मामला ये था कि पीड़ित की स्थानीय पुलिस ने नहीं सुनी तो वे अलवर एसपी को शिकायत करने आने लगे लेकिन बीच में ही पुलिस ने बाइक पर आ रहे पीड़ित को घेर लिया। उसके पीछे उनके परिवार की बेटी थी, जो अपने ससुराल खैरथल से आई थी। पुलिस ने दोनों को रामपुरा गांव में घेरकर पीटा। उस दौरान महिला को भी पीटा गया। सिर्फ पीड़ित की गलती इतनी थी कि वह स्थानीय पुलिस से न्याय नहीं मिलने पर एसपी को शिकायत करने निकला था। केवल उसी बात पर महिला को भगा भगाकर पीटा है। सरकार दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करे, वरना पूरा मेवात सड़कों पर उतर आएगा। महिला अफसाना का कसूर इतना था कि वह अपने ससुराल खैरथल से बीलेटा में अपने पीहर आई हुई थी। पाइपलाइन तोड़ने की शिकायत पर पहुंची पुलिस ने आरोपी पक्ष के साथ मारपीट कर दी। आरोप है कि वीडियो बनाने से नाराज होकर पुलिस ने पूछताछ करने के दौरान महिलाओं और पुरुषों पर लाठियां चलाई। वहीं पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान आरोपी पक्ष अभद्र व्यवहार करने लगा था। मारपीट जैसी कोई चीज नहीं है। मामला अलवर के राजगढ़ के पास बीलेटा गांव का 8 दिसंबर का है। मारपीट का वीडियो भी सामने आया था।