अलवर : थानागाजी उपखंड क्षेत्र सहित नगर पालिका क्षेत्र में भूमाफियाओं की ओर से कृषि भूमि पर बिना भू-रूपांतरण किए बिना सरकार को लाखों रुपये का राजस्व चुना लगाकर अवैध प्लाटिंग कर कॉलोनियां काटी जा रही हैं लेकिन जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
स्थानीय लोगों के कहे अनुसार माना जाए तो लोगों का कहना है कि अधिकारियों की मिलीभगत के चलते कृषि भूमि पर तो अवैध प्लाटिंग की ही जा रही हैं, साथ में सरकारी भूमियो को भी नहीं बख्शा जा रहा है। इस कारण क्षेत्र में चल रही अवैध प्लाटिंग के चलते सरकारी भूमि का बेचान कर कॉलोनी बसा दी गई हैं।
नाम नहीं छापने की शर्त पर ग्रामीण बोले कि क्षेत्र में भूमाफिया इतना सक्रिय है कि बाल का जोहडा क्षेत्र में सैकड़ों बीघा सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा जमाएं बैठा है लेकिन तहसीलदार की ओर से कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई जा रही हैं। इतना हीं नहीं सैकड़ों बीघा भूमि वन क्षेत्र से सटी होने के चलते एनजीटी के दायरे में भी आतीं है, फिर भी जिम्मेदार जिम्मेदारी निभाने की जगह आंख मूंदे बैठें है। वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि भूमाफिया को राजनीतिक संरक्षण मिलने के चलते पहुंच पकड से सरकारी भूमि पर काबिज होने के साथ-साथ बोरिंग लगाकर विद्युत कनेक्शन तक करा लिया है। ऐसे में नियम विरुद्ध विद्युत विभाग ने जारी किए कनेक्शन भी संदेह के घेरे में आता है। वहीं नगर पालिका क्षेत्र होने के चलते तहसीलदार नगर पालिका अधिशाषी अधिकारी के कार्य क्षेत्र में होने की कहकर बात को टालने की कोशिश करते हैं जबकि तहसीलदार के क्षेत्राधिकार के क्षेत्र लालवाडी के पास ऑन हाइवे पर धडल्ले से भूमाफिया बिना भू-संपरिवर्तन किए ही मोटे दामों में अवैध प्लाटिंग की जा रही हैं। जिम्मेदार अवैध प्लाटिंग को रोकने की जगह एक दूसरे पर टाल कर जिम्मेदारी से इतिश्री कर लेते है। वहीं तहसीलदार मोहित पंचोली से बात करने पर मिले नगर पालिका क्षेत्राधिकार जवाब पर कहा गया कि लालवाडी क्षेत्र तहसीलदार के अधीन आ रहा है तो तहसीलदार का कहना था कि जगह चिंहित कर बताएं दिखवाएंगे।
तहसीलदार से मिले जवाब पर सवाल उठता है कि नाक के निचे चल रही अवैध प्लाटिंग की तहसीलदार को कानों कान खबर नहीं है और भूमाफिया लाखों रुपये का राजस्व चुना लगाकर अवैध प्लाटिंग कर मोटा माल कमा रहे हैं। उधर नगर पालिका क्षेत्र में चल रही बिना भू-संपरिवर्तन के अवैध प्लाटिंग को लेकर कार्यवाहक अधिशाषी अधिकारी दाताराम गुर्जर से संपर्क करना चाह गया था लेकिन ईओ के द्वारा फोन नहीं उठाया गया था।