जयपुर (आशीष माथुर): श्री शुक सम्प्रदाय पीठाधीश छोटे दादा गुरुदेव श्री रसिक माधुरी शरण जी महाराज के 126वें जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में श्री सरस परिकर की ओर से अजमेर रोड पर नीलकंठ कॉलोनी स्थित श्री शुक संप्रदाय की आचार्य पीठ श्री बरसाना में नौ दिवसीय श्रीराम कथा का गुरुवार को विश्राम हुआ। व्यासपीठ से आचार्य राजेश्वर ने राम राज्याभिषेक के प्रसंग का श्रवण करवाते हुए कहा कि जहां राजा राम जैसा मर्यादा पुरुषोत्तम होगा, भाइयों में प्रेम की कोई सीमा नहीं होगी, वहीं राम राज्य होगा। राम राज्य में कोई दुखी नहीं होता। वहां सदैव प्रसन्नता का वास होता है। उन्होंने कहा कि प्रभु को प्रकट करने के लिए समय स्थान स्थिति नहीं बल्कि समर्पण होना चाहिए। प्रसंग के अनुरूप भगवान राम के चित्र पर राज मुकुट धारण कराया गया। श्रोताओं ने जयकारों से कथा स्थल को गूंजायमान कर दिया।
वृंदावन से प्रसिद्ध कथा व्यास भक्तमाली इंद्रेश कुमार ने भी कथा श्रवण किया। उन्होंने कहा कि युवा अध्यात्म की ओर मुड़ रहा है यह बहुत अच्छे संकेत है। भावी पीढ़ी संस्कारवान हो गई तो भारत को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता। त्रिवेणी पीठाधीश्वर राम रिछपाल दास जी महाराज ने श्रोताओं से प्रयागराज कुुंभ में चलने का आह्वान किया। कमलेश महाराज सहित अन्य अन्य संतों का सान्निध्य प्राप्त हुआ। शुक सम्प्रदाय पीठाधीश अलबेली माधुरी शरण महाराज, श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने तीनों संतों का माल्यार्पण और दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मान कर श्रोताओं का आभार जताया। धीरेन्द्र माथुर, नरेश माथुर, गोपाल सिंह एडवोकेट प्रबल, सीए प्रशांत अग्रवाल सहित अन्य ने विभिन्न व्यवस्थाएं संभाली।