अलवर: दलित अधिकार केन्द्र के जिला समन्वयक शैलेष गौतम के नेतृत्व में 8 सदस्यीय जांच दल द्वारा मुबारिकपुर गांव में दलित समुदाय पर दबंग समुदाय के आरोपियों द्वारा प्राण घातक हमला करने के मामले में दलित पीड़ितों, गवाहों एवं दलित समुदाय के बयान दर्ज कर दस्तावेजों का संकलन किया गया। केन्द्र के जिला समन्वयक शैलेष गौतम ने बताया कि 2 जनवरी 2025 को दो माह पूर्व की पुरानी रंजिश को लेकर आरोपी लखविंदर, मांगी, पूरण, विक्रम एवं उनके करीब 15-20 दबंग लोगों के द्वारा नाई की दुकान पर कटिंग कराने गए दलित पीड़ित सुमित एवं रवि के साथ गंभीर रूप से मारपीट की गई। जिससे वो जान बचाकर अपने घर की ओर भागे तो पीछे से करीब 150 दबंग समुदाय के आरोपियों द्वारा मुबारिकपुर के दलित समुदाय के मोहल्ले में हथियारों से लैस होकर प्राण घातक हमला कर दिया और घरों में घुसकर मारपीट, तोड़फोड़ व जाति सूचक एवं लैंगिक गाली गलौच करते हुए दलित महिलाओं के साथ मारपीट, अभद्रता तथा अश्लील हरकतें की गई। जिसकी सूचना दलित समुदाय द्वारा पुलिस प्रशासन को दी गई और मौके पर पुलिस ने पहुंचकर दलित समुदाय की जान बचाई। उक्त गंभीर प्रकरण की 3 जनवरी 2025 को पुलिस थाना नौगांवा में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवा दी गई। मामले में अभी तक समस्त आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है तथा समस्त दलित पीड़ितों के बयान दर्ज नहीं किए गए हैं और ना ही दलित पीड़ितो की सूची तथा दलित समुदाय को हुए नुकसान की सूची प्रशासन द्वारा नहीं बनाई गई है। आरोपियों के हौसले बुलंद है और वहीं दलित समुदाय के लोगों में अभी भी खौफ बना हुआ है, जिसके कारण वो अपनी दैनिक आजीवीका हेतु कार्य नहीं कर पा रहे हैं। प्रकरण की गम्भीरता को मद्देनजर रखते हुए जांच दल ने नामजद आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर सम्बन्धित न्यायालय के समक्ष पेश करने, उक्त गम्भीर प्रकरण को केस ऑफिसर स्कीम के अन्तर्गत जांच सम्पादित करने, दलित पीड़ितो एवं संपत्ति को हुए नुकसान की सूची तैयार करने, पीड़ितो व गवाहों के बयानों को सही तरीके से दर्ज करने, नियम 15 क के अन्तर्गत पीड़ितो व पीड़ित परिवारो को पुलिस सुरक्षा व संरक्षण प्रदान करने, नियम 7 (2) (1) के अन्तर्गत 60 दिवस की अवधि में सम्पूर्ण जांच पूरी कर विशेष न्यायालय के समक्ष आरोप पत्र फाईल करने, नियम 15 (क) (10) के अन्तर्गत समस्त जांच की वीडियोग्राफी करने, उक्त गम्भीर प्रकरण में प्रयुक्त किए गए समस्त हथियारों को अविलम्ब जप्त करने, नियम 12(4) के अन्तर्गत समस्त पीड़ितो व पीड़ित परिवारो को राहत, आर्थिक मुआवजा राशि, दैनिक भत्ता, भरण पोषण, व्यय, तीन माह की खाद्य सामग्री इत्यादि अविलम्ब उपलब्ध करवाने, प्रकरण की पैरवी हेतु एसपीपी की नियुक्ति करवाने ईत्यादि की मांगे की गई। केन्द्र के जिला समन्वयक शैलेष गौतम ने कहा कि मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक, जिला कलेक्टर सहित उच्च अधिकारियों व समस्त अयोगो को भी उक्त प्रकरण के बारे में फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट संलग्न कर अवगत करवाया जाएगा। उक्त जांच दल में केन्द्र के जिला समन्वयक शैलेष गौतम, एडवोकेट प्रकाश चन्द सागर, सामाजिक कार्यकर्ता पुष्पा देवी, सुशीला देवी, डॉ.चरण सिंह, राजू मेघवाल ब्लॉक अध्यक्ष भीम आर्मी, नरेश कुमार, राजेन्द्र कारोतिया सम्मिलित रहे।
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