अजमेर: ब्यावर के बिजयनगर ब्लैकमेलिंग मामले में मंगलवार की सुबह कोर्ट में नाबालिग पीड़िताओं के कलमबद्ध बयान दर्ज किए गए। इस दौरान उनके परिजन और हिंदू संगठनों के पदाधिकारी भी नसीराबाद कोर्ट परिसर पहुंचे और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। सुरक्षा को देखते हुए कोर्ट परिसर के बाहर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था।
मामले में पुलिस ने नाबालिग बच्चियों के शोषण के आरोप में समुदाय विशेष के सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से पांच बालिग और दो नाबालिग हैं। बालिग आरोपियों को अजमेर न्यायालय में पेश कर पुलिस ने रिमांड की मांग की गई है, ताकि उनसे पूछताछ कर मामले से जुड़े और सबूत जुटाए जा सकें। इसके साथ ही पुलिस आरोपियों को मौके पर ले जाकर तस्दीक भी करवाएगी। वहीं दो नाबालिग आरोपियों को किशोर न्याय बोर्ड भेजा जाएगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए एडिशनल एसपी ब्यावर भूपेंद्र शर्मा ने आश्वासन दिया है कि निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार विजयनगर में स्कूली छात्राओं को दोस्ती के बहाने ब्लैकमेल करने और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने का मामला सामने आया था। मामले में एक छात्रा के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ युवक नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर फंसाते और फिर उनकी आपत्तिजनक तस्वीरें व वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते थे। इस मामले में 17 फरवरी को पीड़ित लड़कियों के परिजनों और हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सात आरोपियों को हिरासत में लिया।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने कई अन्य लड़कियों को भी ब्लैकमेल कर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने की कोशिश की थी। वे अक्सर उन्हें होटल, रेस्टोरेंट और कैफे में बुलाते थे, जहां उनकी तस्वीरें और वीडियो बनाकर उन्हें डराने-धमकाने का काम करते थे। इस मामले की जांच अभी जारी है और पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर मामले से जुड़े और भी सबूत तलाश कर रही है।