जयपुर : राजधानी के गोपालपुरा मोड़ स्थित एलेन कोचिंग इंस्टीट्यूट त्रिवेणी नगर में शनिवार को पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने अधूरी पढ़ाई को लेकर लगभग 5-6 घंटे भूखे प्यासे रहकर जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया था, अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है, जिस पर संयुक्त अभिभावक संघ ने विद्यार्थियों को न्याय दिलवाने के लिए जांच और कोचिंग संचालक पर कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री सहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर मांग की है। जानकारी के अनुसार शनिवार जब विद्यार्थी विरोध कर रहे थे तब पुलिस प्रशासन के सोमवार के आश्वासन पर विद्यार्थी घर लौटे थे, अब अगर सोमवार को कोई समाधान नहीं निकला तो विद्यार्थी दुबारा कोचिंग सेंटर के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार को एलेन कोचिंग में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की शिकायत मिली थी, उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि 100% फेकल्टी, व्यवस्था, सुविधा और एजुकेशन उपलब्ध करवाने के नाम पर पूरी फीस वसूल ली, परीक्षा को अब मात्र 45 से 60 दिन का समय बचा है, अब तक मात्र 60 % पढ़ाई करवाई गई और अब कोचिंग संचालक ने 120 शिक्षकों को भी हटा दिया है, ऐसी स्थिति में पढ़ाई कैसे पूरी होगी, कैसे परीक्षा देगे जिसके चलते सैकड़ों विद्यार्थी मानसिक तनाव में आ गए है और मजबूरन कोचिंग सेंटर के बाहर विरोध प्रदर्शन कर न्याय की भीख मांग रहे है।
जैन ने बताया कि शनिवार को जब विद्यार्थी प्रदर्शन कर रहे थे और कोचिंग सेंटर द्वारा तय की गई फेकल्टी उपलब्ध करवाने की मांग कर रहे थे, उस दौरान कोचिंग सेंटर पर उपस्थित स्टाफ ने ना केवल अपशब्दों का प्रयोग विद्यार्थियों के साथ किया बल्कि उन्हें डराने-धमकाने तक प्रयास करते हुए विद्यार्थियों को यहां तक कहा कि "तुम लोगों को जो उखाड़ना है, वह उखाड़ लो, हमें जो करना होगा, वहीं करेंगे, पढ़ाई करनी है तो करो नहीं तो घर जाओ"। शनिवार को जब संयुक्त अभिभावक संघ ने विद्यार्थियों से मुलाकात की थी तब सभी बच्चे रोते हुए अपनी व्यथा सुना रहे थे। यह सभी विद्यार्थी दूसरे शहरों, कस्बों, नगरों से अपने माता-पिता के सपनों और खुद के बेहतर भविष्य बनाने को लेकर आए है, मुंह मांगी फीस देने के बावजूद कोचिंग सेंटर की विद्यार्थियों के साथ मनमानी बेहद निंदनीय कृत्य है, एलेन कोचिंग सेंटर द्वारा किया गया कृत्य ना केवल मानसिक प्रताड़ना देने वाला है बल्कि विद्यार्थियों को आत्मदाह के लिए उकसाने का मामला है, आज कोटा शहर के कोचिंग सेंटरों के विद्यार्थियों द्वारा जिस प्रकार से आत्महत्याओं के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है, उससे यह स्पष्ट होता है कि अगर सरकार और प्रशासन इन कोचिंग सेंटर पर सतर्कता बरते तो देश का भविष्य सुरक्षित रह सकता है और आत्महत्याओं के मामले रोके जा सकते है। इसी को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों की पीड़ा सुनने के बाद संयुक्त अभिभावक संघ की ओर से मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को उम्मीद के साथ पत्र लिखा गया है। आशा करते है समय रहते विद्यार्थियों को न्याय मिल जाए।