नारायणपुर: कस्बे के भगतपुरा मोहल्ले में प्रजापत परिवार ने समाज की पारंपरिक सोच को बदलने की दिशा में एक अनूठी पहल की हैं। आमतौर पर लड़कों की बिंदोरी निकालने की परंपरा होती है, लेकिन समाजसेवी राजू प्रजापत ने अपनी तीन बेटी काजल, मुस्कान और नचिता की शादी के मौके पर उन्हें घोड़ी पर बैठाकर बिंदोरी निकालकर बेटों के समान दर्जा दिया। जब घोड़ी पर सजी-धजी बेटियों को लोगों ने देखा, तो कस्बे में यह चर्चा का विषय बन गया और बिंदोरी देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। राजू प्रजापत फल व्यवसायी हैं और उनके परिवार में पाँच बेटियाँ व दो बेटे हैं। उनकी बेटी काजल बीएससी और बीएड की पढ़ाई पूरी कर चुकी है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। उन्होंने अपने इस कदम के पीछे की मंशा बताते हुए कहा कि लड़का-लड़की में किसी भी तरह का भेदभाव गलत है और बेटियाँ भी हर सम्मान और अवसर की हकदार हैं। उनका मानना है कि समाज में बदलाव लाने के लिए पहले खुद बदलाव लाना जरूरी है और इसी सोच के साथ उन्होंने यह फैसला लिया। इस अनूठी पहल की सराहना की जा रही है। इस अवसर पर मातादीन प्रजापत, छाजू प्रजापत, बाबूलाल प्रजापत, मनीष प्रजापत सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
नारायणपुर में अनूठी पहल: तीन बेटियों की घोड़ी पर बिंदोरी निकाल समाज को दिया संदेश
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February 17, 2025
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