केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और वन राज्यमंत्री संजय शर्मा ने भी लिया गुरु महाराज जी का आशीर्वाद

AYUSH ANTIMA
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अलवर: संत सुखदेव शाह जी की मीठी याद में आयोजित 101वें गुरमुख सम्मेलन पूरे श्रद्धा और उल्लास से सम्पन्न हो गया। तीन दिवसीय गुरमुख सम्मेलन में न केवल देश से बल्कि विदेश से आए ख्यातनाम रागी जत्थों ने गुरबाणी का कीर्तन किया। ख्यातनाम कीर्तनी जत्थे भाई हरजोत सिंह जख्मी (जलंधर वाले), भाई बसंत गांधी ( 
गुडगांव), भाई जितेंद्र मदान (गुड़गांव) ने गुरूबाणी कीर्तन कर संगतों को निहाल किया। गुरुद्वारे के गुरु संगत युवा मंडल के नन्हे मुन्ने बालकों के कीर्तनी जत्थे के द्वारा किया गया गुरूवाणी कीर्तन खास आकर्षण का केंद्र रहा। गुरुद्वारे के सेवादार बसंत गांधी ने बताया कि कथा और सेवा सौभाग्य से मिलते हैं, जिससे समस्त प्राणी मात्र का भला होता हैं। इससे पूर्व गद्दीनशीन डॉ.हरभजन सिंह जी महाराज ने अपने अमृत वचनों के माध्यम से गुरु ग्रंथ साहब की कथा का वाचन किया। पांचवे गुरु श्री गुरु अर्जन देव जी की वाणी में से शब्दों का उच्चारण करते हुए कहा कि ईश्वर एक है, कोई भी व्यक्ति छोटा और बड़ा नहीं होता बल्कि व्यक्ति अपने कर्मों से छोटा और बड़ा होता है। माता के गर्भ में ही जीव भगवान का सिमरन करने लगता है। संतरेन डॉ.हरभजन शाह सिंह जी महाराज के मुखारविंद से हुई अमृत वर्षा के बाद आनंद कारज की रस्म निभाई गई, जिसमें दो जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ।
गुरूमुखी परंपरा के अनुसार गुरु ग्रंथ साहब जी के तीन फेरे लेकर दो जोड़े वैवाहिक सूत्र में बंधे। वहीं गुरुद्वारे के सेवादार अशोक तनेजा ने बताया कि यह कार्यक्रम संत सुखदेव शाह जी की मीठी याद में अलवर में वर्षों से अनवरत आयोजित होता है, जिसमें पूरे देशभर सहित विदेश से भी श्रद्धालु बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। इस कार्यक्रम के दौरान पुरुष सेवादारों के सिर पर पीला दुपट्टा और महिला सेविकाओं के  द्वारा ओढी़ गई पीली चुन्नी गुरु महाराज के द्वारा प्रसाद स्वरूप भक्तों को दी जाती है। शहर मे बडे़ पैमाने पर आयोजित इस गुरूमुख सम्मेलन के दौरान पूरा शहर मानो भक्तिमय हो गया।
कार्यक्रम में महाराज जी का आशीर्वाद लेने किरकिस्तान  के राजदूत और उनकी पत्नी भी पहुंचे। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और राजस्थान में वन राज्यमंत्री संजय शर्मा ने भी डॉ.हरभजन शाह सिंह जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। उल्लेखनीय है कि यह कार्यक्रम धार्मिक आयोजन के साथ-साथ यहां की सेवा मेनेजमेंट के लिए भी जाना जाता है। यहां की खासियत है कि यहां आयोजित विवाह समारोह में बिना किसी दहेज के विवाह सम्पन्न करवाए जाते हैं। सेवा मैनेजमेंट के साथ-साथ बिना दहेज के विवाह की परंपरा के चलते भी इस गुरमुख सम्मेलन का एक विशेष महत्व है।
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