जलदाय विभाग के सहायक पम्प चालकों को सरकार ने अपने दूसरे बजट में भी किया दरकिनार

AYUSH ANTIMA
By -
2 minute read
0

झुंझुनू : ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से जनता को पानी पिलाने वाले सहायक पम्प चालक शोषण के शिकार हो रहे हैं। एक ही श्रमिक श्रेणी अकुशल से 26 दिन का भुगतान किया जा रहा है जबकि काम 30-31 दिन दिन रात सर्दी गर्मी बारिश में 8-10 घंटे काम करने के बाद भी आज दिन तक कोई किसी प्रकार के सेवा नियमों में नहीं लिया गया है ना कोई पीएफ कटौती ड्यूटी के दौरान कर्मचारी की मौत होने पर कोई किसी प्रकार की आर्थिक सहायता सुरक्षा दी जाती है। सहायक पम्प चालक पदनाम दिया जाकर संविदा सेवा नियमों में लेते हुए फाइल तैयार की गई थी लेकिन कार्मिक विभाग के सचिव ने बेवजह आक्षेप लगाकर नियमित करने से वंचित रखा। कर्मचारियों ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपनी कीमती नौजवानी को न्यौछावर करने के बाद भविष्य के सभी सपने चकनाचूर कर दिए, जिससे आज घर परिवारों में रोजी-रोटी का संकट पैदा हो चुका है। इसको लेकर पिछले चौदह पंद्रह महीनों से लगातार संगठनों ने सक्षम स्तरीय अधिकारियों को ज्ञापनों एवं व्यक्तिगत मुलाकात कर अवगत करवाया गया एवं सभी जिला कलेक्टरों के माध्यम से विधायक, सांसदों को ज्ञापन सौंपकर जलदाय मंत्री, एवं मुख्यमंत्री महोदय  मामले को संज्ञान में लाया गया व मंत्री महोदय  से बार-बार मुलाकात करने के बाद अपने उद्बोधन में वेतन बढ़ोतरी के लिए पूर्णतया आश्वस्त किया गया था एवं सभी संगठनों से माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा वार्तालाप संवाद हुआ परन्तु कर्मचारियों को बजट से दूर रखा गया जबकि कर्मचारी काफी उत्साहित थे कि राजस्थान में डबल इंजन बीजेपी सरकार ने नारा दिया कि सबका साथ सबका विकास और आखिरी छोर पर बैठे गरीब से गरीब व्यक्ति को न्याय दिया जाएगा। परंतु कर्मचारियों के साथ कुठाराघात किया गया संघ के प्रदेशाध्यक्ष रवि चौधरी एवं प्रदेश महामंत्री अनूप सिंह ने एक बार पुनः मुख्यमंत्री महोदय निवेदन किया कि धरातल पर जांच कर कर्मचारियों के भविष्य को देखते हुए एक जीवन यापन करने के लिए न्यायिक फैसला लेने का सरोकार करें ।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!