जयपुर: नगर निगम ग्रेटर के मानसरोवर जोन द्वारा 25 जनवरी को मानसरोवर के विजय पथ से पटेल मार्ग तक हुई अतिक्रमण को उखाड़ने की भेदभावपूर्ण कार्यवाही से हर कोई आश्चर्य व्यक्त कर रहा है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के विधानसभा क्षेत्र में भी भेदभाव होगा, यह समझ से परे हैं। मध्यम मार्ग के सेक्टर 9 शॉपिंग सेंटर में दुकानों की रेलिंग को इस तरह से तोड़ा गया है, जैसे जन्म जन्मांतर की कोई दुश्मनी निकाली गई हो। बेसमेंट में बनी दुकानों की रेलिंग तोड़ना समझ में आता है लेकिन उनके ऊपर बनी दुकानों की रेलिंग को भी तोड़कर आखिर नगर निगम क्या साबित करना चाहता है। इसका दूसरा पहलू सेक्टर 9 शॉपिंग सेंटर के ठीक सामने, सेक्टर 10 शॉपिंग सेंटर की किसी भी दुकान को देखा तक नहीं गया। बढ़ती और आक्रोशित भीड़ को दिखाने के लिए सेक्टर 10 शॉपिंग सेंटर में पान की दुकान के सामने फास्ट फूड सेंटर से पिज़्ज़ा बनाने वाली पिज्जा वैन को हटा दिया गया किंतु उस पान की दुकान और उस लाइन में बनी अन्य दुकानों की रेलिंग को छुआ तक नहीं गया। आखिर क्यों ? पान की दुकान के सामने मुख्य सड़क पर वर्षों से एक पान की थड़ी को भी हटाकर शॉपिंग सेंटर में किसी ख़ास को उपकृत कर पास में ही फूलमाला बेचने वाले व एक निर्धन मोची की जगह को नेस्तनाबूत कर उस पान की थड़ी को वहां स्थापित कर दिया गया। आखिर उस पान की थड़ी से किसको समस्या हो रही थी या यूं कहें की इस पान की थड़ी को हटाकर किस आका को उपकृत किया गया है। जो पिज़्ज़ा बनाने वाली वैन को हटाने का उपक्रम किया गया था, वह पिज्जा वैन शाम को उसी जगह पिज़्ज़ा तैयार करते हुए देखी जा सकती है। नगर निगम ग्रेटर के अधिकारियों से एक यक्ष प्रश्न यह है कि जब सेक्टर 9 शॉपिंग सेंटर में रेलिंग हटाई गई तो उसके ठीक सामने स्थित सेक्टर 10 शॉपिंग सेंटर में रेलिंग तोड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटाई गई या उस इलाके में कार्यवाही न करने के लिए किस आका के आदेश की तामील करनी पड़ी। जब अतिक्रमण के खिलाफ तोड़फोड़ की कार्यवाही के दौरान जनता ने नगर निगम मानसरोवर के उपायुक्त से सवाल किए थे तो उनका एक ही जवाब था कि कमिश्नर मैडम का आदेश है, उनसे बात करें तो इस भेदभावपूर्ण कार्यवाही के लिए किसको जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
अवैध अतिक्रमण की भेदभावपूर्ण कार्यवाही का जिम्मेदार कौन
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February 17, 2025
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