पुष्कर के हर घर में सुहागिन महिलाओं ने ईसर गणगौर की पूजा की। महिलाओं ने इस मौक़े पर विशेष श्रृंगार भी किया।महिलाओं ने गणगौर का व्रत रखा, कई घरों में महिलाओं ने उद्यापन भी किया। इस मौक़े पर घरों में महिलाओं ने कई प्रकार के व्यंजन बनाए। अपने घरों में सोलह से अधिक महिलाओं को भोजन कराया, यह भोजन चाँद-सूरज को साक्षी बनाकर किया, इसके पश्चात व्रत खोला गया। इससे पूर्व महिलाओं ने कहानी सुनी। महिलाएं के साथ-साथ छोटी बच्चियों ने गाजे बाजे के साथ गणगौर घाट पर जाकर जेलें सजाकर पवित्र पुष्कर सरोवर के जल के कलश सिर पर लेकर जेले लेकर आई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गणगौर के त्योहार पर हर वर्ग की सुहागिन महिलाएँ व बच्चियों ने पूजा अर्चना की। बताया जाता है कि यह त्यौहार सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु की कामना करती है, वही कुँवारी लड़कियाँ व बच्चियाँ अपने अच्छे वर की प्राप्ति के लिए गणगौर का पूजन व व्रत करती हैं। जानकारी के अनुसार पुष्कर की हर गली मोहल्ले में ख़ुशनुमा माहौल देखा गया।