कोटपूतली (रमेश बंसल मुन्ना): निकटवर्ती ग्राम सांगटेड़ा में गुरूवार को समाजसेवी रतनलाल शर्मा के नेतृत्व में नववर्ष के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शर्मा ने कहा कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन भगवान ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। यही कारण है कि इस दिन को नव संवत्सर के रूप में मनाया जाता है। इस दिन से ही चैत्र नवरात्रि शुरू होते है, जिसमें मांँ दुर्गा के 09 रुपों की पूजा की जाती है। दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म हिन्दू सनातनी है। संवत् 2082 में प्रवेश करेंगे, हमारा धर्म वसुधैव कुटुम्बकम का मूल संस्कार तथा विचार धारा है, जो महाउपनिषद सहित कई ग्रन्थों में लिपिबद्ध है। इसका अर्थ है धरती ही परिवार है, प्रत्येक घर में नववर्ष उत्साह की तरह मनाया जायेगा। इस दौरान बाबूलाल चौधरी, रामप्रताप चौधरी, शुभम शर्मा, रामानंद समेत विधार्थी मौजूद रहे।
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